मुंबई (Mumbai) में कुत्तों द्वारा ज्यादा लोगों के काटने के मामले सामने आए हैं। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग (BMC Health Department) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक औसतन रोजाना 211 यानी हर घंटे 9 लोगों को कुत्ते काट रहे है। बीते वर्ष यह संख्या 168 थी। राहत की बात यह है कि रैबीज का एक भी मामला नहीं मिला है और न ही किसी की रैबीज से मौत हुई है। हालात ऐसे बन गए हैं कि कुत्तों के खौफ के कारण लोग रास्ता तक बदलने लगे हैं। आवारा कुत्तों (Stray Dogs) के छोटे बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्ग तक शिकार बन रहे हैं। पिछले 8 महीने में आवारा कुत्तों ने 50,622 लोगों को काटा।
देवनार कत्लखाना के जीएम डॉ. कलीम पाशा पठान के मुताबिक कुत्ते परेशान करने और उकसाने से भी लोगों को काटते हैं। कई बार पागल होने पर भी वे लोगों पर हमला करते हैं। कभी- कभी ‘गर्मियों में पानी न मिलने के कारण भी कुत्ते चिड़चिड़े हो जाते है और जरा भी छेड़े जाने पर काट लेते हैं।
‘4 साल में रैबीज का एक भी केस नहीं’
बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने कहा, ‘राहत की बात यह है कि कुत्ते के काटने से होने वाले रैबीज का एक भी मामला बीते 4 साल में नहीं मिला है और न ही रैबीज से किसी की मौत हुई है।’ उन्होंने बताया कि डिस्पेंसरी और अस्पतालों सहित 160 केंद्रों में एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध है।