(सय्यद नकी हसन/प्रेस नोट)
मुंबई:अमेरिका द्वारा भारतीय माल पर 50% टैक्स लगाए जाने से वस्त्र उद्योग पहले ही संकट में है, अब महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी (महावितरण) की बिजली दर बढ़ोतरी ने यंत्रमाग उद्योग की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। समाजवादी पार्टी के भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख ने इस निर्णय को “यंत्रमाग व्यवसाय के लिए मौत की घंटी” बताया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री एवं ऊर्जामंत्री देवेंद्र फडणवीस और वस्त्र उद्योग मंत्री संजय सावकारे को पत्र लिखकर बिजली दरवृद्धि तुरंत वापस लेने और यंत्रमाग उद्योग को आर्थिक राहत पैकेज देने की मांग की है।

विधायक रईस शेख ने बताया कि महावितरण ने सितंबर के बिजली बिलों में 100 यूनिट तक 35 पैसे और उससे ऊपर 95 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से अतिरिक्त ईंधन समायोजन शुल्क लगाया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्त्रों पर भारी कर लगाए जाने से निर्यात बंद है, जिससे वस्त्र उद्योग की कमर टूट चुकी है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लगभग 11 लाख यंत्रमाग हैं, जिनमें से 60% उत्पादन निर्यात के लिए होता है। लेकिन ऊंचे बिजली दर, सरकारी मदद की कमी, और सूरत के कपड़ा बाजार से प्रतिस्पर्धा के कारण यह व्यवसाय आर्थिक संकट में है।
राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली 1 रुपये से 75 पैसे प्रति यूनिट की बिजली छूट भी इस संकट से बाहर निकलने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए विधायक रईस शेख ने मांग की है कि बिजली दरवृद्धि को तुरंत रद्द किया जाए और जब तक अमेरिका अपना टैक्स नहीं हटाता, तब तक यंत्रमाग उद्योग को विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाए।
ऑनलाइन नोंदणी पर आपत्ति:
विधायक रईस शेख ने यंत्रमाग बिजली छूट के लिए ऑनलाइन नोंदणी की अनिवार्यता को भी रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि ज़्यादातर यंत्रमाग मालिक अशिक्षित हैं और पुराने (सेकंड हैंड) मशीनों का उपयोग करते हैं, जिनकी जानकारी देना ऑनलाइन प्रक्रिया में संभव नहीं है। इसलिए सरकार को यह अनिवार्य ऑनलाइन नोंदणी का निर्णय वापस लेना चाहिए।