भिवंडी में 2017 से अटका बाह्यवळण (रिंगरोड) प्रोजेक्ट अब दो चरणों में पूरा किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण में हो रही देरी को दूर करने के लिए किसानों को बाजार दर के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। यह घोषणा महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने विधानसभा में की।
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए बताया कि 60 किलोमीटर लंबे इस रिंगरोड के लिए 2017 में मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने 201 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। हालांकि, 9 गांवों में से 3 गांवों में भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है, लेकिन 6 गांवों के किसानों के विरोध के कारण काम रुका हुआ है।
रईस शेख ने मांग की कि भिवंडी की ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिए यह सड़क जल्द पूरी की जाए और समृद्धि महामार्ग की तरह किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, जिससे भूमि अधिग्रहण में आ रही रुकावट दूर हो सके।
इस पर जवाब देते हुए उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि समृद्धि महामार्ग के समान मुआवजा देना संभव नहीं है, लेकिन बाजार दर के अनुसार किसानों को उचित भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा, रिंगरोड का काम दो चरणों में किया जाएगा और पहले से अधिग्रहित जमीन पर जल्द काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में MMRDA को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।
