(सय्यद नकी हसन/प्रेस नोट)
भिवंडी-निजामपुर महानगरपालिका का नया विकास आराखड़ा (डी.पी. प्लान) घोषित किया गया है। इसको लेकर नागरिकों की ओर से बड़े पैमाने पर आपत्तियां और सुझाव दर्ज किए गए हैं। इसी संदर्भ में विधायक रईस शेख ने महाराष्ट्र विधानसभा में कई बार ठोस सवाल उठाते हुए सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया था।

विधायक का कहना है कि “डी.पी. प्लान लागू करने से पहले नागरिकों के अधिकारों और भावनाओं का सम्मान होना जरूरी है। बिना उचित मुआवज़ा दिए किसी की संपत्ति अधिग्रहित नहीं की जाएगी और धार्मिक स्थलों को किसी भी हालत में नुकसान नहीं पहुँचने दिया जाएगा।”
आज (16 सितंबर 2025) को विधायक रईस शेख के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने महानगरपालिका आयुक्त अनमोल सागर (भा.प्र.से.) से मुलाकात की। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय यादव, सलाम नोमानी समेत कई पदाधिकारी और समाजसेवी मौजूद रहे।
बैठक में रखे गए मुख्य मुद्दे इस प्रकार रहे:
1️⃣ रास्ता चौड़ीकरण और संपत्ति अधिग्रहण – प्रभावित घरों, दुकानों और गालों के मालिकों को पहले पंचनामा व उचित मुआवज़ा दिया जाए, उसके बाद ही कार्यवाही की जाए।
2️⃣ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण – मंदिर, मस्जिद, दरगाह, स्मशानभूमि, कब्रिस्तान, स्मारक और बौद्धविहार जैसे धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
3️⃣ मेट्रो प्रोजेक्ट और डी.पी. प्लान अलग मुद्दे – नागरिक किसी भ्रम में न पड़ें, इसके लिए जनजागृति की ज़रूरत है।
4️⃣ पहले से अधिग्रहित जमीनों पर अपील – जिनकी जमीन पहले अधिग्रहित की गई थी, वे नागरिक अपने दस्तावेज़ों के साथ प्रस्ताव महानगरपालिका में जमा करें।
विधायक रईस शेख ने दोहराया कि –
“भिवंडी का विकास ज़रूरी है, लेकिन नागरिकों के अधिकारों से समझौता नहीं होगा। उचित मुआवज़ा और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा अनिवार्य है, तभी डी.पी. प्लान स्वीकार्य होगा।”
आयुक्त अनमोल सागर ने भरोसा दिलाया कि नागरिकों की मांगों और आपत्तियों पर गंभीरता से विचार होगा और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा हर हाल में की जाएगी।