(सय्यद नकी हसन)
भिवंडी :कांग्रेस पार्टी के पास भिवंडी निज़ामपुर शहर महानगर पालिका में 47 सदस्यों के साथ पूर्ण बहुमत था लेकिन 5 दिसंबर, 2019 को हुए मेयर चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 18 नगरसेवकों ने कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवार ऋषिका राका के खिलाफ बगावत कर दी। बागियों ने विपक्षी कोणार्क विकास अघाड़ी की प्रतिभा पाटिल के पक्ष में मतदान किया। इसी पार्टी विरोधी रुख के चलते पूर्व मेयर जावेद दलवी ने 19 दिसंबर 2019 को कोंकण डिविजनल कमिश्नर को पत्र लिखकर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. इस मामले में 18 फरवरी और 16 मार्च को दो दौर की सुनवाई हुई. हालाँकि, 26 मार्च को देशव्यापी लॉकडॉन के कारण तीसरी सुनवाई रद्द कर दी गई थी। कोरोना के मामले कम होने के बाद सभी सरकारी कार्यालय खुल गये तब जावेद दलवी ने कोंकण डिविजनल कमिश्नर को लिखित बयान के जरिए अनुरोध किया था कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की जाए. इस मामले मे दो साल बाद कोंकण कमिश्नर ने उन 18 नगरसेवकों के पक्ष में फैसला सुनाया था जिस से सभी 18 नगर सेवको की सदस्य बच गई थी। जिसके बाद यह मामला नगर विकास विभाग पहुंचा और अंततः वही हुआ जिसका पहले से ही अंदेशा था 26 जून 2023 को राज्य के मुख्यमंत्री के हस्ताक्षरित आदेश मे सभी को 6 वर्ष के लिए अयोग्य करार दिया गया है ।इस फैसले के बाद भिवंडी का सिस्यासी माहोल गर्म गया है ।