महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया। उन्होंने नए हलफनामे में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट की सभी याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया।
इसके साथ ही शिंदे गुट ने कहा कि चुनाव आयोग को यह तय करने दें कि असली ‘शिवसेना’ किस गुट का है।
उद्धव गुट की तरफ से दी गई याचिका में बागी विधायकों पर फैसला आने तक चुनाव आयोग को कोई भी फैसला लेने से रोकने की मांग की गई थी। वहीं शिंदे गुट ने हलफनामे में कहा है कि 15 विधायक 39 के समूह को बागी नहीं कह सकते। शिंदे ने यह भी कहा कि अदालतों को ‘बहुमत द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से लिए गए’ पार्टी के आंतरिक फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल कर खुद को असल शिवसेना घोषित करने की मांग की है। इस पर चुनाव आयोग की कार्यवाही जारी है। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि जब तक ‘बागी’ विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नही आ जाता तब तक चुनाव आयोग को कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिए।
उधर शिंदे ने अपने जवाब में कहा है कि ठाकरे के साथ सिर्फ 15 विधायक हैं, जबकि उनके समर्थन में 39 एमएलए हैं और इसलिए कोर्ट इस मामले में दखल न दे क्योंकि अगर कोर्ट हस्तक्षेप करने से पार्टी के अंदर लोकतंत्र कमजोर होगा। गौरतलब है कि उद्धव जब मुख्यमंत्री थे तब तत्कालीन डेप्युटी स्पीकर ने शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी किया था। अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि वो विधायक अयोग्य हुए या नहीं। इसीलिए ठाकरे गुट चाहता है कि पार्टी की मान्यता से पहले विधायकों की अयोग्यता का मामला तय होना चाहिए।