मुंबई: पुलिस ने बुधवार को मुंबई में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसके पास से व्हेल की उल्टी बरामद की गई है, जिसकी कीमत 2.67 करोड़ है। व्हेल की उल्टी को एम्बरग्रीस या ग्रे एम्बर भी कहा जाता है। यह एक प्रतिबंधित समुद्री पदार्थ है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को मरीज ड्राइव से पकड़ा गया है। उसे जेल भेज दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि 25 वर्षीय वैभव कालेकर को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दक्षिण मुंबई के ट्राइडेंट होटल के पास से गिरफ्तार किया। अधिकारी ने कहा, ‘एक गुप्त सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया था कि वह अवैध रूप से एम्बरग्रीस बेचने की कोशिश कर रहा था। तलाशी के दौरान, अधिकारियों ने उसे 2.6 किलो एम्बरग्रीस ले जाते हुए पाया।’
कहां से आया करोड़ों का एम्बरग्रीस?
पुलिस ने बताया कि ऐसा संदेह है कि उन्होंने रत्नागिरी जिले के दापोली से इसे खरीदा था, जहां कुछ महीने पहले कुछ व्हेल मृत पाई गई थीं। उन्होंने कहा कि रत्नागिरी के रहने वाले आरोपी को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच जारी है।
इसलिए बैन है एम्बरग्रीस
भारत में एम्बरग्रीस की बिक्री प्रतिबंधित है क्योंकि स्पर्म व्हेल, एक लुप्तप्राय प्रजाति, 1927 के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची I के तहत संरक्षित हैं। कहा जाता है कि स्पर्म व्हेल ज्यादातर गुजरात के अरब सागर और ओडिशा से बंगाल की खाड़ी में पाए जाते हैं।
कैसा होता है एम्बरग्रीस
एम्बरग्रीस ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील तत्व होता है। यह हल्के ग्रे या काले रंग का होता है। स्पर्म वेल की आंतों में यह पाया जाता है। पानी के अंदर वेल मछलियां ऐसे कई जीव खाती हैं जिनकी नुकीली चोंच और शेल्स होती हैं। इन्हें खाने पर वेल के अंदर के हिस्से को चोट न पहुंचे इसके लिए Ambergris अहम होता है। इसे निकालने के लिए कई बार तस्कर वेल की जान ले लेते हैं जो पहले से विलुप्तप्राय जीवों में शामिल है।
परफ्यूम इंडस्ट्री में डिमांड
Ambergris का इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री में किया जाता है। इसमें मौजूद ऐल्कोहॉल का इस्तेमाल महंगे ब्रैंड परफ्यूम बनाने में करते हैं। इसकी मदद से परफ्यूम की गंध लंबे वक्त तक बरकरार रखी जा सकती है। इस वजह से इसकी कीमत बेहद ज्यादा होती है। यहां तक कि वैज्ञानिकों ने इसे तैरता हुआ सोना नाम भी दिया है।