शिवसेना Vs शिवसेना की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट उद्धव ठाकरे गुट की उस याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है, जिसमें चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी. मामले की सुनवाई 1 अगस्त को उद्धव ठाकरे गुट की मुख्य मामले के साथ होगी.
ठाकरे ग्रुप की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी, जबकि शिंदे गुट की ओर से एन के कौल ने इसका विरोध किया था. कौल ने कहा कि ये दोनों अलग-अलग मामले हैं. ठाकरे गुट के लिए कपिल सिब्बल ने कहा, “इस बीच शिंदे गुट मामले को निष्प्रभावी बनाने की कोशिश कर रहा है. जब तक अदालत फैसला नहीं करती, वे चुनाव आयोग के सामने नहीं जा सकते.”
इस पर CJI एन वी रमना ने कहा कि हम इस याचिका को भी दूसरे मामले के साथ जोड़ते हैं और सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी.
दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता के लिए एकनाथ शिंदे-गुट की याचिका पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई है. उद्धव गुट का कहना है कि चुनाव आयोग यह निर्धारित नहीं कर सकता कि बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने तक असली शिवसेना कौन है?
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट और उद्धव गुट को शिवसेना के अधिकार के दावे दस्तावेज़ के साथ 8 अगस्त तक दाखिल करने को कहा है. उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के इस आदेश को चुनौती दी है. उद्धव गुट चुनाव आयोग के आदेश को असंवैधानिक और जल्दबाज़ी में लिया फैसला करार दे रहा है. ठाकरे ग्रुप के शिवसेना महासचिव सुभाष देसाई ने ये याचिका दायर की है.